Infosys ने कर्मचारियों को वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने की दी सलाह, ओवरटाइम पर लगाई लगाम

Tech कंपनी Infosys ने अपने कर्मचारियों को वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने के लिए एक आंतरिक अभियान शुरू किया है। कंपनी खासतौर पर रिमोट वर्क (घर से काम) के दौरान ओवरटाइम कम करने की सलाह दे रही है। इसके तहत, इंफोसिस की HR टीम उन कर्मचारियों को ट्रैक कर रही है जो तय समय से ज्यादा काम कर रहे हैं।
ओवरटाइम करने वालों को मिल रही पर्सनलाइज्ड ईमेल
HR टीम हर महीने उन कर्मचारियों को ईमेल भेज रही है जिनका औसत वर्किंग टाइम 9.15 घंटे प्रति दिन से अधिक होता है (पांच दिन के वीक में)। इन ईमेल में कर्मचारियों को बताया जा रहा है कि उन्होंने कितने घंटे काम किया, कितने दिन रिमोट वर्क किया, और उनका डेली एवरेज वर्किंग टाइम क्या रहा। साथ ही, इसमें हेल्थ से जुड़ी चेतावनी दी जा रही है कि ज्यादा काम करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
कर्मचारियों को दी जा रही सलाह – समय पर ब्रेक लें, ओवरलोड होने पर मदद लें
ईमेल में कर्मचारियों को यह भी कहा गया है कि वे नियमित ब्रेक लें, जरूरत पड़ने पर काम को डेलीगेट करें, और ऑफिस टाइम के बाद पूरी तरह से काम से डिस्कनेक्ट हो जाएं ताकि वे रीचार्ज हो सकें। एक ईमेल में लिखा था, “काम के बाद खुद को समय दें और काम से जुड़ी बातचीत को कम से कम करें।”
हाइब्रिड वर्क मॉडल के बाद शुरू हुआ यह अभियान
इंफोसिस ने 20 नवंबर 2023 से हाइब्रिड वर्क मॉडल अपनाया, जिसके तहत कर्मचारियों को हर महीने कम से कम 10 दिन ऑफिस से काम करना जरूरी है। इसके बाद HR टीम ने कर्मचारियों की वर्किंग टाइम ट्रैक करना शुरू कर दिया, खासकर रिमोट वर्क के दौरान।
स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने पर कंपनी ने उठाया कदम
आजकल कई प्रोफेशनल्स नींद की कमी, अनियमित खानपान और ओवरवर्क की वजह से दिल की बीमारियों जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इंफोसिस, जिसकी वर्कफोर्स 3.23 लाख से ज्यादा है, अब प्रोएक्टिव होकर कर्मचारियों की सेहत का ख्याल रखने में जुट गई है। HR का मैसेज कहता है, “आपकी मेहनत की हम सराहना करते हैं, लेकिन आपकी सेहत और लंबे समय तक काम करने की क्षमता के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना बहुत जरूरी है।”
नारायण मूर्ति के विचारों से अलग है कंपनी की नई सोच

Infosys के को-फाउंडर नारायण मूर्ति का नजरिया इससे थोड़ा अलग है। उन्होंने पिछले साल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को और ज्यादा मेहनत करनी होगी। उन्होंने 1986 में भारत में लागू हुए फाइव-डे वर्क वीक का भी विरोध किया था और कहा था, “मैं वर्क-लाइफ बैलेंस जैसी किसी सोच में विश्वास नहीं रखता।”
उनके इस बयान पर खूब बहस हुई थी। कुछ लोगों ने उनके अनुशासन और योगदान की सराहना की, तो कुछ ने कहा कि आज के दौर में ऐसे विचार ज्यादा प्रैक्टिकल और हेल्दी नहीं हैं, खासकर आईटी इंडस्ट्री में।
शेयर प्राइस: Infosys ने दिखाई स्थिरता
2 जुलाई 2025 के बंद होते समय Infosys का शेयर ₹1,610.50 पर बंद हुआ, जो पिछली बंदी के मुकाबले लगभग 0.23% की मामूली वृद्धि है। यह प्रदर्शन तब हुआ जब भारत का प्रमुख सूचकांक, BSE SENSEX, 0.34% गिर गया था, जबकि Infosys इस सत्र में बाजार से बेहतर रही — इसका शेयर 0.11% की बढ़त के साथ ₹1,609.90 पर बंद हुआ।
पिछले 52 हफ्तों में Infosys का उच्चतम स्तर ₹2,006.80 (13 दिसंबर 2024) रहा, और इस समय यह निचले स्तर से लगभग 19.8% नीचे ट्रेड कर रहा है। ट्रेडिंग वॉल्यूम भी औसत से अधिक रहा — इस दिन लगभग 4.66 लाख शेयर कलब करें, जबकि 50-दिन का औसत 3.48 लाख शेयर था।
📈 कैसे रहे अन्य IT शेयरों के साथ रिलेशनः
कंपनी | आज का प्रदर्शन |
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TCS | −0.19% गिरावट |
Wipro | +0.93% वृद्धि |
HCL Tech | +0.02% मामूली बढ़त |