Vodafone Idea के शेयरों में उछाल

24 जून की सुबह Vodafone Idea के शेयरों में 6 प्रतिशत से ज़्यादा की तेजी देखी गई। इसका मुख्य कारण एक रिपोर्ट थी जिसमें बताया गया कि केंद्र सरकार कंपनी को रेगुलेटरी बकाया (regulatory dues) में बड़ी राहत देने पर विचार कर रही है। उस समय कंपनी के शेयर ₹6.96 पर ट्रेड कर रहे थे।
सरकार नहीं चाहती टेलीकॉम सेक्टर में डुपोली
टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक इवेंट में कहा कि भारत में टेलीकॉम सेक्टर डुपोली (यानि सिर्फ दो कंपनियों का दबदबा) का बोझ नहीं उठा सकता।
उन्होंने कहा,
“सिर्फ एक या दो ऑपरेटर काफी नहीं हैं। हर सेक्टर में प्रतिस्पर्धा ज़रूरी है। भारत शायद दुनिया का अकेला देश है जहां ISP डोमेन में भी इतनी प्रतियोगिता है।”
सरकार का यह बयान भी वोडाफोन आइडिया के शेयरों में तेजी की वजह बना।
सरकार की हिस्सेदारी और संभावित राहत की योजना
Vodafone Idea पर ₹84,000 करोड़ का रेगुलेटरी बकाया है। सरकार, जो कंपनी की सबसे बड़ी हिस्सेदार (48.99%) है, इसे राहत देने के कई विकल्पों पर विचार कर रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने सरकार को चेताया है कि अगर मदद नहीं मिली तो वह FY26 के बाद संचालन जारी नहीं रख पाएगी और दिवालियापन (insolvency) की ओर बढ़ सकती है।
सरकार किन विकल्पों पर कर रही है विचार
सरकार जिन विकल्पों पर विचार कर रही है, उनमें शामिल हैं:
- भुगतान की अवधि को 6 साल से बढ़ाकर 20 साल करना
- बकाया पर कंपाउंड इंटरेस्ट की जगह सिंपल इंटरेस्ट लगाना
- हर साल ₹1,000 से ₹1,500 करोड़ की टोकन राशि के रूप में आंशिक भुगतान लेना
- AGR (Adjusted Gross Revenue) विवाद पर अंतिम फैसला होने तक यह अंतरिम राहत देना
रिपोर्ट में कहा गया है कि राहत एक या एक से अधिक विकल्पों का संयुक्त रूप हो सकता है।
कर्ज में डूबी कंपनी और भविष्य की चिंता
सरकार पहले ही Vodafone Idea के स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदल चुकी है, जिससे उसकी हिस्सेदारी 22.6% से बढ़कर 48.99% हो गई है। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि संचालन पर अभी भी प्रमोटरों का नियंत्रण रहेगा।
सरकार ने इस महीने साफ कर दिया कि अब और कोई बकाया इक्विटी में नहीं बदला जाएगा। टेलीकॉम विभाग का कहना है कि अगर कंपनी को FY26 तक का पूरा ₹18,064 करोड़ किस्त चुकानी पड़ी, तो उसके पास FY27 के लिए पैसा नहीं बचेगा।
शेयर की गिरती हालत
बीते एक साल में Vodafone Idea के शेयरों में लगभग 60% की गिरावट आई है। 2025 की शुरुआत से अब तक यह शेयर 13% से ज़्यादा टूट चुका है।